बुधवार, जनवरी 18, 2012

आचार सहिता के दौरान 4 लाख 30 हज़ार की और राशि बरामद

   आरोपी ने कहा:यह तो प्रोपर्टी के पैसे थे
      गजिंदर सिंह किग//अमृतसर//18 जनवरी, 2012
पंजाब में होने वाले चुनाव में लगे आचार सहिता के दौरान चुनाव कमिशन द्वारा बनाई गई जांच टीम ने पुलिस के साथ मिल कर अमृतसर में आज पुलिस को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब उस ने 4 लाख 30 हज़ार की नकदी  बरामद की , दरअसल यह व्यक्ति मौके से इस राशि के बारे में कोई बी कागज़ नहीं दिखा सका जिस के चलते पुलिस ने इस राशि  को जब्त किया है  
        पंजाब में चुनाव के दौरान नकदी पकड़ने का सिलसिला ज़ारी है, जिस के चलते अमृतसर में आज इलाका लोहगढ़ में चेकिंग के दौरान एक गाडी से 4 लाख 30 हज़ार की राशि बरामद की गई, मनी सिंह नामक का यह व्यक्ति आपनी कार में यह राशि ले कर जा रहा था और कार के चेकिंग के दौरान यह राशि बरामद हुई और यह व्यक्ति इस राशि बारे कोई भी ऐसा प्रमाण पेश नहीं कर सका, जिस से कि इस बात की तस्दीक हो सके, कि यह राशि किस मकसद के लिए है और इस का इस्तेमाल कहाँ होना था, वहीँ पुलिस ऑफिसर रछपाल सिंह ने इस नकदी को आपने कब्ज़े में ले कर इस राशि बारे जानकारी देते हुए बताया, कि इस की सूचना इलेक्शन विभाग और इनकम टैक्स विभाग को दे दी है, वहीँ इस मौके पर पहुंचे मुख्य एस.डी.ओ. जसबीर सिंह का कहना है कि यह विशेष अभियान यहाँ पर चुनाव के मद्देनजर लगाया गया था और चेकिंग के दौरान यह राशि व्यक्ति की कार से बरामद हुई है और इस की जांच चल रही है, वहीँ इस मामले में जिस आरोपी मनी सिंह ने कहा, कि वह यहाँ पर किसी प्रोपर्टी के पैसे देने के लिए आया था और जो इस के काग-जात है, वह जल्द ही यहाँ पर मंगवा कर पेश कर देगा. 

सोमवार, जनवरी 16, 2012

भारत मौसम विज्ञान विभाग का 137 वां स्थापना दिवस

आईएमडी में स्मरणीय योगदान के लि पुरस्कार भी प्रदान किए गए
इस अवसर पर एक शानदार प्रदर्शनी का आयोजन भी हुआ जिसमें योजना, विज्ञानं, तकनोलोजी औत भू विज्ञानं के मंत्री डा. अश्वनी कुमार,  भूमि विज्ञान मन्त्रालय के सचिव डा. शैलेश नायक और आई.एम.डी. के महानिदेशक डा. अजीत त्यागी सहित बहुत से अन्य प्रमुख log भी शामिल हुए. फोटो व विवरण: पत्र सूचना कार्यालय  

नयी दिल्ली//पी.आई.बी.//16 जनवरी,2012 : विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के भूतपूर्व सचिव प्रो. यशपाल ने कहा कि “विसंगतियां जीवन का अहम पहलू है। अगर कोई व्यक्ति विसंगतियों को नहीं समझता तो वह जिंदगी को भी नहीं समझ सकता।” कल यहां भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 137वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में डॉ. यशपाल ने बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में काम करना कितना मुश्किल और कितना आश्चर्यजनक है। अंततः इससे समाज को लाभ होता है। यह आगे काम करने की प्रेरणा देता है। डॉ. यशपाल ने कहा कि, “वह बीते जमाने की बात है जब मौसम पूर्वानुमानी खिड़की से बाहर देखकर मौसम को महसूस कर मौसम पूर्वानुमान बताया करता था। अब बहुत से उपकरणों का प्रयोग किया जाता है और गणितीय विश्लेषण द्वारा स्पष्ट जानकारी दी जाती है। कॉस्मिक किरणों, मौसम विज्ञान से संबंधित दवाब को नापने, संचार, प्रसारण, विमानन आदि के संदर्भ में विज्ञान के क्षेत्र में यह योगदान काफी महत्वपूर्ण है।” डॉ. यशपाल ने डॉ. सतीश धवन को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा स्थापित की गई समन्वय समितियों के बगैर यह संभव नहीं था। प्रो. यशपाल ने सभी को यह सलाह दी कि वे अपने मनपसंद कार्यक्षेत्र में काम करे।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार ने कहा कि आईएमडी ने उत्कृष्टता के साथ आधुनिक विज्ञान के एक समूचे नए दौर में प्रवेश किया है। उन्होंने कहा कि, “अवलोकन प्रणाली का आधुनिकीकरण, मौसम पूर्वानुमान के लिए अंकीय तरीकों के इस्तेमाल के लिए उच्च प्रदर्शन करने वाली कंप्यूटिंग प्रणाली की शुरुआत (भारत के प्रथम सुपर कंप्यूटर से सौ गुणा अधिक शक्तिशाली) और नवीन सूचना प्रौद्योगिकी आधारित डाटा प्रोसेसिंग प्रणाली हाल के वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां रही हैं। डोपलर मौसम रडार पर आधारित तत्काल मौसम की जानकारी देने की प्रणाली भी काफी नवीन है और एक सेवा क्षेत्र के रुप में इसे अभी स्थापित होना है। प्रसार प्रणाली के सीधे जनता और उपयोगकर्ता समूहों तक पहुंचने से समय की बचत होगी। इस प्रणाली का लक्ष्य बेहद विशिष्ट क्षेत्रों में मौसम से संबंधित गंभीर चेतावनी की सूचना प्रदान करना है।”
इससे पहले मंत्री महोदय ने दिल्ली में देश के प्रथम सी- बैंड डोपलर रडार का उद्घाटन किया। यह रडार मेट्रो शहर में मौसम पूर्वानुमान से संबंधित गंभीर चेतावनी प्रदान करने में सहायक होगा। आने वाले तूफान से प्रभावित होने वाले शहर के भागों की जानकारी से आम इंसान के साथ ही नागरिक प्राधिकरणों को भी इससे मदद मिलेगी।
संवाददाताओं से बात करते हुए डॉ. अश्विनी कुमार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए आईएमडी और मंत्रालय के नवीन कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, “इन योजनाएं की फिलहाल वैज्ञानिक जांच चल रही है और कुछ महीनों में इन्हें अंतिम रुप दे दिया जाएगा। इन योजनाओं में पर्वतीय मौसम विज्ञान शामिल है जो हिमालय को समाविष्ट करेगा, कृषि मौसम विज्ञान देश के सभी भागों में विस्तृत होगा। विमानन मौसम विज्ञान के तहत निरंतर अवलोकन सेंसरों के जरिए सभी हवाईअड्डों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त महानगरों में मौसम सेवा की योजना भी है।”
राज्य मंत्री ने बताया कि, “आईएमडी का अगला लक्ष्य जलवायु सेवा है जिससे मौसम और वर्ष के 10-15 दिन पूर्व इसके दीर्घावधि व्यवहार की जानकारी प्राप्त हो सके। दशकीय और शताब्दी पैमाने में बदलाव भी समाज के लिए महत्वपूर्ण है। जलवायु आंकडे और कृषि, जल संसाधन, मानव, पशु और पौधों की सेहत आदि पर जलवायु परिवर्तन के असर का अध्ययन करना भी ज़रुरी है। इसके अलावा जनता से जुड़ाव में भी मूलभूत परिवर्तन कर इसे जनता द्वारा प्राप्त जानकारी से जनता को प्रदान की गई जानकारी में तबदील करना होगा।”
भारत मौसम विज्ञान विभाग के 137वें स्थापना दिवस के अवसर पर पृथ्वी-विज्ञान मंत्रालय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दो पुस्तकों का भी अनावरण किया गया। “क्लाईमेटोलॉजिकल टेबल्स” नामक पुस्तक जलवायु विज्ञान के तीस वर्षों का संकलन है। डॉ. एम. मोहपात्रा, एच.आर बिस्वास और जी.के सवाईसर्जे को 25वां द्विवार्षिक मौसम पुरस्कार प्रदान किया गया।
सर्वोत्कृष्ट आंकडों की प्राप्ति, उपकरणों के रखरखाव और नौवहन पूर्वानुमान सत्यापन के आधार पर मुंबई के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र को सम्मानित किया गया। प्रदर्शन के आधार पर रायपुर को वर्ष 2010-11 के लिए सर्वोत्कृष्ट पूर्वानुमान क्षमता के लिए चयनित किया गया और कोलकाता वेधशाला को आरएस/आरडब्ल्यू अवलोकन के लिए सर्वोत्कृष्ट बेस चुना गया। आईएमडी के 15 कर्मचारियों को विभिन्न सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया जिसमें सर्वश्रेष्ठ हिन्दी अनुवाद, आवंटित कार्य के अलावा उत्कृष्ट और समर्पित कार्य शामिल है। ***